
सोने के चम्मच से दहीं खाने वाले… एक ने परिवार का ‘सहारा’ लेकर खड़ी की कंपनी
जालन्धर (ब्यूरो)
सोने के चम्मच से दहीं खाने वालों की तहसील में कमी नहीं है। भले ही कागजों में इनका काम न हो पर रोजाना मोटी माया घर लेकर कैसे जा रहे हैं तथा यह किस तरह आपने काम को अंजाम देते रहे हैं, इस संबंधी खुलासे किए जाएंगे। हैरानी की बात है कि आज तक इन पर किसी विभाग ने कोई शिकंजा तक कसने की कोशिश नहीं की है। रोड़पति से करोड़पति बनने वाले तहसील के महारथियों ने यह सफर कुछ ही समय में तय करने में कैसे सफलता हासिल की हैरान करने वाली बात है। इनमें से एक महारथी जोकि के. कंपनी के नाम से मशहूर है, उसकी बात करेंगे।
परिवार का भी लेते रहे सहारा
इतना ही नहीं इनमें से एक ऐसा भी महारथी है, जिसने पैसों के लिए हर तरह की कुर्बानी दी है। इस महारथी ने माया के लिए परिवार को भी नौशावर कर दिया है। सूत्रों अनुसार आपना काम निकलवाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना चुका है। लोगों की मानें तो इसने आपनी के. कंपनी सिर्फ आपने परिवार की कुर्बानी के सहारे ही खड़ी की है।
कागजों में जीरो पर…
चाहे उक्त के. कंपनी वाला करोड़ों में खेल रहा हो पर अगर इसके रजिस्ट्र चैक किए जाएं तो वहां से कंगाल ही साबित होगा क्योंकि यह काम को कुछ इस ढंग से करता है कि करोड़ों कमाने के बाद भी इसके हाथ खाली ही दिखाई देंगे। इसके द्वारा रोजाना होने वाला काम किस कूएं में जा रहा है, यह समझ से परे की बात है।
जल्दी ही इसके मकान से आलिशान
कोठियां आदि का भी खुलासा होगा।